विंध्याचल की सुरम्य पर्वत श्रेणियों के मध्य आल्हा ऊदल ,महाराज छत्रसाल तथा महारानी लक्ष्मी बाई आदि अनेक वीरो- वीरांगनाओं की पृष्ठभूमि बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जनपद में अगाध और अनुपम जल राशि के मध्य सुशोभित अपने पूर्व नाम चक्रपुरी को सार्थक करने वाले लघु वृंदावन तथा बुंदेलखंड के कश्मीर के नाम से विख्यात चरखारी नगर में उच्च शिक्षा का केंद्र यह महाविद्यालय प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री राम नरेश यादव के कर कमलों द्वारा 12 अक्टूबर 1978 में उद्घाटित हुआ तथा शासनादेश संख्या -5013/15-78-11-20-76/71 द्वारा अस्तित्व में आया | स्थापना काल से इस महाविद्यालय में बीए के नौ विषय (इतिहास, भूगोल, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी ,मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र ) तथा 2012-13 से प्रारंभ हुए शारीरिक शिक्षा विषय सहित 10 विषय में अध्ययन की सुविधा एवं व्यवस्था सुनिश्चित की गई | सत्र 2002- 2003 से विज्ञान संकाय में बीएससी के पांच विषयों भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान गणित वनस्पति विज्ञान तथा जंतु विज्ञान एवं सत्र 2005 -2006 से कला संकाय में भूगोल , इतिहास,अर्थशास्त्र ,संस्कृत व राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम एवं वाणिज्य संकाय में वाणिज्य पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया सत्र 2020-21 से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर कक्षाओं का संचालन संभावित है स्नातकोत्तर विषयों में शोध करने की सुविधा भी उपलब्ध है |